तुम बेबस थी, रो तो लेती थी,
हम तो ना हंस पाए, ना रो पाए....
जब तक मकां था, साथ रहें...
जहाँ छत गयी, छोड़ आये
अब बेवफा ना कहना, तुझे खुश रखना था,
तेरी हर पल हसी के लिए, तुम से भी मुँह मोड़ आये...
प्यार मे साथ जीना, मायने रखता है?
इक-दूजे के लिए जीना, शायद इतना ही पढ़ पाए।
जुदाई मे गम नही होता, यादें मुस्कुरा देती हैं,
हरदम मुस्कुराने को हमदम, तुझे छोड़ना था, छोड़ आये।
मिलूंगा फिर तुझे, शायद आजमाता हूँ,
मोहब्बत ये हमारी, देखें कोई तोड़ ना जाये।
~!दीपक
१३-१२-२००७
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