किसी से मिलने का इंतज़ार हमें भी है अब
शायद किसी से प्यार हमें भी है अब...
ना देखते तो शायद यूँ ना लुटते..
उस क़यामत से इकरार हमें भी है अब
फिर मिला तो पूछूंगा भूले तो ना थे हमे
उनसे दीवानगी का इसरार हमें भी है अब
लबो को सी दिया था जिसके दीदार ने
करना उनसे इज़हार हमें भी है अब
कुछ खो जाने का डर लगा रहता है
पाना दिल का करार हमें भी है अब..
~!दीपक
२०-१२-२००९
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